Tuesday, January 13, 2009

धर्म क्या है.

हरेक मनुष्य को दुसरे मनुष्य के साथ केसा व्यवहार करना चाहिए उसका विवक , विचार जो करते है उसका नाम ही धर्म है । सब मनुष्य का एकदूसरे के प्रति व्यवहार सदभाव और सदाचार तरफी होना चाहिए एसा सदाचार ही मानवधर्म है.
जो सत्य है,अहिंसात्मक है, तारक है , उपकारक है, धारक है , हितकारक है, वोही सच्चा धर्मं है.
स्वामी चिदानंदजीमहाराज .

Thursday, January 8, 2009

माता पिता की प्रार्थना

में प्रार्थना करत्ती हु की में मेरे बच्चे को उसकी अपनी जिंदगी जीने दू। मेने जो जीने की इच्छा कीथीऐसी नही इसलिए मुझे जो करने में निष्फलता मिली थी उसे करने का बोज उसके पैर न डालू ऐसी शक्ति प्रभु मुझे देना .उसने जो लंबा रास्ता काटना है उसको ख्याल में रखते में उसकी ग़लत सोच देख सकू और उसकी धीमी गति की लिए धीरज रखने की मुझे शक्ति देना.